(hii reader,
this poem is dedicated to the dream girl of my life,
i wrote it a long back ago,
but still feel the same,
and still wanna have someone like this in my life......)
जब देखता हूँ उसे खिलखिलाते हुए
लगता है जैसे
मिल गयी है ज़माने भर की ख़ुशी
न जाने इतनी सच्ची क्यों है
न जाने इतनी अच्छी क्यों है 'वो' !!
मरता हूँ उसे देखने के लिए
करता हूँ प्यार उससे
उसकी बातों से
उसकी आवाज़ से
उसकी हंसी से
उसकी आँखों के अपनेपन की कश्ती से
जिसमे खुद को देख
लगता है मानो दूर क्षितिज में ले जा रही है 'वो' !!
चाहता हूँ आज बनाना रिश्तों का ऐसा पुल
जो मिला दे उन किनारों को
जिसके एक तरफ वो है और एक तरफ मैं
ना जाने क्यों तड़पता हूँ उसके साथ रहने के लिए
मान लेना चाहता हूँ उसकी सब बातों को
क्या मैं जानता हूँ उसे दिल से
क्या मैं चाहता हूँ उसे दिल से
ये तो बता सकती है सिर्फ 'वो' !!
जब मिलता हूँ उससे तो लगता है
जैसे सब कुछ है मेरे पास
जैसे मिल गयी हो सारी ख़ुशी
पा गया हूँ जो हमेशा चाहता था
पर फिर भी जैसे लगता है
अभी खुशियाँ और भी हैं
मंजिलें और भी हैं
और जानता हूँ
उन मंजिलों तक मुझे पहुंचा सकती है सिर्फ 'वो' !!
जानता हूँ जिंदगी में बहुत हैं रंग
जी भी सकता हूँ शायद उनके संग
पर जब देखा उसे दिल से उठी यही तरंग
ऐ दिल बता कौन सा है ये नया रंग !!
जानना चाहता हूँ क्या यही है 'वो'
जिसे कभी बचपन में
देखा करता था सपनों में
सपने उसके भी हैं
मंजिलें उसकी भी हैं
पर नहीं पता मुझे
उन सपनों में मेरी मंजिल को कब देख पायेगी 'वो' !!
बता देना चाहता हूँ
मैंने भी छीन लिया है उसका चैन
जानता हूँ उसकी एक एक बात को
उसकी एक एक सोच को
समझता हूँ
आंसुओं के पीछे छुपे दर्द को
उसे रोते हुए देख नहीं सकता
फिर भी देखता हूँ
क्योंकि चाहता हूँ
सब दर्द बह जाएँ उन आंसुओं के साथ
जिससे
फिर से हँसे और मुस्कुरा सके 'वो' !!
और लिख सकता हूँ
ना जाने कितना
ना जाने कितनी देर
ना जाने कितनी बातें
पर
रुक जाना चाहता हूँ
सिर्फ ये सोचकर
की
" क्या हमेशा साथ दे पाएगी वो " !!!!
hii again,,
i wrote this poem for "someone",
for "someone" i always have thought of......
though this may have nothing to do here ,,,
but my all posts have been totally illogical so may be you could bear with this one too...
anyways......
i saw a lot of girls
even got close to some
fell in school love, college love, even expressed it
as the mature ones say you should always say what you feel....
but today as I look back....
i feel that still that "someone" has got a place in my heart, (a pretty important place rather)...
i know this reveals the heights of my emotions...
but "this is it"
sorry readers i could not again write anything beneficial to you here ....
lets see..